उत्तराखंड में पलायन के तीन मुख्य मूलभूत कारण है स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार। पहाड़ों से लोग अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा और रोजगार की तलाश में मैदानी क्षेत्र का रुख करते हैं लेकिन प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। राजधानी देहरादून या फिर गढ़वाल मंडल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल कहें , दून अस्पताल के नाम से ही मरीज पहाड़ों से हो या मैदानी क्षेत्र से हो बड़ी आशा लगाए यहां पहुंचते हैं लेकिन दून हॉस्पिटल अपनी अव्यवस्था के लिए पिछले काफी समय से चर्चित रहा है। बात करें बीते दिनों की तो पौड़ी से आए एक युवक ने अपने 25 वर्षीय छोटे भाई को दिवाली के दिन इस लचर व्यवस्था के सामने दम तोड़ते देखा था और उसने डॉक्टर पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था की जब से उनका मैरिज एडमिट हुआ था डॉक्टर ने एक बार भी मरीज को नहीं देखा था और फोन के जरिए नर्स को निर्देश दिए जा रहे थे कि कौन सी दवाई दी जाए और कौन सा इंजेक्शन लगाया जाए, साथ ही उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था की डॉक्टर सरकारी अस्पताल में ना आकर निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करते हैं। वहीं गुरुवार को राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने दून अस्पताल में अव्यवस्था और लापरवाही के चलते हो रही मासूमों मोतों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन स्थल पर डिप्टी कलेक्टर शालिनी नेगी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच आकर ज्ञापन लिया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।


राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि अस्पताल के डाक्टर ड्यूटी के बजाय अपनी प्राइवेट प्रेक्टिस मे व्यस्त रहते हैं और,उनकी लापरवाही के चलते मरीजों को जान गंवानी पड़ रही है।पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पंत ने आरोप लगाया कि जन औषधि केंद्र महज शोपीस बनकर रह गये हैं। डाक्टर मरीजों को जेनरिक की बजाय बाहर की ब्रांडेड दवा लिख रहे हैं।पार्टी की संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि अस्पताल मे दलाल भरे पड़े हैं, जो मरीजों को निजी अस्पताल जाने के लिए बरगलाते हैं।जिलाध्यक्ष संजय डोभाल ने आक्रोश जताया कि न तो आयुष्मान कार्ड का उचित इस्तेमाल कराया जा रहा और न ही अस्पताल की जांच को प्राथमिकता दी जा रही है। सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, आदि मशीन आए दिन खराब कर दी जाती हैं और लंबे समय तक मरम्मत नही की जाती।

ये रहे शामिल
प्रदर्शन मे शिव प्रसाद सेमवाल,राजेंद्र पन्त,सुलोचना ईष्टवाल,राजेंद्र गुसांई,संजय डोभाल,बिनोद कोठीयाल प्रमोद डोभाल,विशन कडारी,भगवती प्रसाद नोटीयाल,सुरेंद्र चोहान,संजय कुमार, प्रवीन कुमार, गोविंद अधिकारी, सुशिला पटवाल, मीना थपलियाल, रचना थपलियाल, शैलबाला ममगाई ,पदमा रोतेला, मोहिनी खाँकरियाल, यशोदा रावत, आदि उपस्थित रहे।

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