केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में कोई भी विभाजन या गौरव प्रदान नहीं करने का फैसला किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि “कोई भी समग्र विभाजन, गौरव या अंकों का समग्र योग प्रदान नहीं किया जाएगा।
साथ ही, यदि किसी अभ्यर्थी ने पांच से अधिक विषयों की पेशकश की है, तो इस विषय में भी कोई गौरव प्रदान नहीं किया जाएगा।”
सीबीएसई का यह फैसला बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन प्रणाली में किए गए बदलावों के तहत लिया गया है।
बोर्ड ने अब कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में विषयवार अंक प्रदान करने का फैसला किया है।
छात्रों को अब उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड दिया जाएगा।
सीबीएसई का यह कदम छात्रों पर अकादमिक दबाव कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
बोर्ड का मानना है कि समग्र विभाजन और गौरव प्रदान करने से छात्रों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इस फैसले से छात्रों और अभिभावकों को राहत मिली है।
छात्रों का कहना है कि अब वे बिना किसी दबाव के अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे पाएंगे।
अभिभावकों का कहना है कि इससे छात्रों पर अकादमिक बोझ कम होगा और वे अपने समग्र विकास पर ध्यान दे पाएंगे।
हालांकि, कुछ शिक्षकों का कहना है कि सीबीएसई का यह फैसला छात्रों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
उनका कहना है कि समग्र विभाजन और गौरव छात्रों को उनके प्रदर्शन का बेहतर विश्लेषण करने में मदद करते हैं।
शिक्षकों का यह भी कहना है कि इससे छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने में भी मदद मिलेगी।
सीबीएसई के इस फैसले के प्रभावों का आकलन करने के लिए अभी कुछ समय लगेगा।
हालांकि, यह स्पष्ट है कि इस कदम से छात्रों और अभिभावकों को कुछ राहत मिली है।