
उत्तराखंड: के पौड़ी जिले के कोटगढ़ ब्लॉक में एक शिक्षिका पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में विभाग ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षिका का नाम माधुरी पुंडीर है।जानकारी के मुताबिक, माधुरी पुंडीर ने अपने मायके से सामान्य जाति के अंतर्गत होने के बावजूद ससुराल पक्ष से ओबीसी जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल की थी।
मामला तब सामने आया जब पयासू गांव निवासी राजेश सिंह कोली राजा ने इसकी शिकायत तहसील प्रशासन से की।
शिकायत के बाद राजस्व उप निरीक्षक गजेंद्र दत्त रतूड़ी ने मामले की जांच की। जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया।
तहसील प्रशासन ने चमोली तहसील प्रशासन को प्रमाण पत्र निरस्त करने की संस्तुति भेजी है।
जांच में यह भी पाया गया है कि माधुरी पुंडीर का मायका सितोनस्यू पट्टी के श्रीखोंन गांव में है और उनका विवाह चमोली के क्षेत्रपाल गांव में हुआ था।नियमानुसार, व्यक्ति की जाति जन्म से निर्धारित होती है। ऐसे में माधुरी पुंडीर को ससुराल से जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी हुआ, यह जांच का विषय है।जांच में फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर नौकरी पाने के लिए मुकदमा दर्ज किए जाने की संतुष्टि दी गई है।माधुरी पुंडीर ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उनकी 2006 में ओबीसी कोटे से सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति हुई थी, लेकिन अब निजी द्वेष भाव के चलते षड्यंत्र किया जा रहा है।
मामले में जांच रिपोर्ट की संतुष्टि मिलने पर जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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