
उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने 7 जनवरी, 2024 को धरना स्थल एकता विहार में “रोजगार कैबिनेट” का आयोजन किया। इस कैबिनेट में विभिन्न प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इन प्रस्तावों में उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के हितों से जुड़े हुए विभिन्न विषय शामिल थे।
कैबिनेट में निम्नलिखित प्रस्तावों पर चर्चा हुई:
- राज्य में समूह ग एवं समूह घ की भर्तियों में स्थाई निवास प्रमाण पत्र के स्थान पर मूल निवास प्रमाण पत्र को अनिवार्य किया जाना।
- उत्तराखंड राज्य में किसी भी विभाग द्वारा आयोजित होने वाली शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्तराखंड के युवाओं के लिए भारतीय सेना में तय मानकों से अधिक मानक होना।
- सभी परीक्षाओं में प्रतीक्षा सूची का निर्धारण किया जाना।
- आयोगों एवं अन्य संस्थानों की भर्तियों में आपस में समन्वय से एक ही तिथि को आयोजित होने वाली परीक्षाओं से बचाव किया जाना।
- साक्षात्कार के माध्यम से संपन्न होने वाली भर्तियों में वीडियोग्राफी अनिवार्य किया जाना।
- सभी लिखित एवं स्क्रीनिंग प्रतियोगी परीक्षाओं में न्यूनतम प्राप्त अंकों के मानक का निर्धारण किया जाना।
- मूल विज्ञप्ति के मानकों को बीच प्रक्रिया के दौरान संशोधित न किया जाना। (सहायक अध्यापक कला)
- सभी आयोगों में अभ्यर्थियों की समस्याओं के निराकरण के लिए शिकायत निवारण अधिकारी का नामित किया जाना।
इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि इन सभी विषयों को सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा और राज्य सरकार की कैबिनेट में इन से संबंधित विषयों पर चर्चा एवं युवाओं के हित में निर्णय लेने हेतु सभी प्रस्ताव प्रेषित किए जाएंगे।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि “हमारे संघ का उद्देश्य उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के हितों की रक्षा करना है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह हमारे इन प्रस्तावों पर विचार करे और इन पर सकारात्मक निर्णय ले।”
उन्होंने यह भी कहा कि “यदि सरकार इन प्रस्तावों पर विचार नहीं करती है, तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।”
इन प्रस्तावों पर विचार करने से उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। इन प्रस्तावों से भर्तियों में पारदर्शिता आएगी और बेरोजगार युवाओं को न्याय मिलेगा।