शंकराचार्य इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होंगे

अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में चार प्रमुख शंकराचार्यों के शामिल नहीं होने से धर्म जगत में चर्चा गर्म हो गई है। जानकारी के अनुसार, ज्योतिष पीठ, पुरी गोवर्धन पीठ, द्वारका शारदा पीठ और कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होंगे।

शंकराचार्यों ने अपने फैसले के पीछे धर्मशास्त्र के नियमों का पालन न किए जाने का कारण बताया है। उनका मानना है कि मंदिर के पूर्ण निर्माण से पहले मूर्तियों की स्थापना करना हिंदू धर्म के मानदंडों के विरुद्ध है। उन्होंने इस प्रक्रिया में जल्दबाजी पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि अभिषेक के लिए पर्याप्त समय है।

हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि शंकराचार्यों ने किसी के प्रति भी विरोध या दुर्भावना व्यक्त नहीं की है। उनका कहना है कि उनका निर्णय धार्मिक सिद्धांतों के आधार पर है।

इस खबर के सामने आने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि वह इस समारोह का बहिष्कार करेगी, जिसका कारण भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास बताया गया है।

यह महत्वपूर्ण है कि इस विषय पर चर्चा सम्मानजनक और धर्मशास्त्र की सूक्ष्मताओं को ध्यान में रखते हुए हो। राम मंदिर निर्माण, हिंदू समुदाय के लिए ऐतिहासिक महत्व का विषय है। ऐसे में विभिन्न दृष्टिकोणों को सम्मान देते हुए, सद्भावना के साथ आगे बढ़ना आवश्यक है।

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