उत्तराखंड सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों के पर्चे पर ब्रांडेड कंपनियों की महंगी दवाइयां लिखने पर रोक लगा दी है।

देहरादून, 11 जनवरी 2024उत्तराखंड सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों के पर्चे पर ब्रांडेड कंपनियों की महंगी दवाइयां लिखने पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि कोई भी सरकारी अस्पताल का डॉक्टर बाहर की दवाइयां नहीं लिखेगा।

मंत्री ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज मिलता है। ऐसे में बाहर की दवाइयां लिखने से मरीजों को परेशानी होती है। कई बार मरीजों को मजबूरन महंगे रेट पर दवाइयाँ खरीदनी पड़ती हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. अमित सिंह ने कहा कि सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मरीजों के पर्चे में केवल जेनरिक दवाइयाँ ही लिखी जाएं। अगर निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अस्पतालों में ब्रांडेड दवाइयां लिखने के मामले सामने आए

हाल ही में उत्तराखंड के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिखने के मामले सामने आए थे। इन मामलों में मरीजों को मजबूरन महंगे रेट पर दवाइयाँ खरीदनी पड़ी थीं।

स्वास्थ्य विभाग ने इन मामलों की जांच कराई। जांच में पाया गया कि कई डॉक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिख रहे थे। इन डॉक्टरों के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

जेनरिक दवाइयां होती हैं सस्ती

जेनरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में सस्ती होती हैं। ये दवाइयां भी ब्रांडेड दवाइयों की तरह ही प्रभावी होती हैं।

सरकार का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जेनरिक दवाइयों को ही लिखना चाहिए।

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