अयोध्या राम मंदिर का हुआ भव्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, प्रधानमंत्री मोदी ने संभाली कमान!

अयोध्या, 22 जनवरी 2024: सदियों के इंतजार के बाद रामभक्तों का सपना साकार हो गया है. तीन दशकों से अधिक समय से निर्माणाधीन अयोध्या के राम मंदिर का आज भव्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ. इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उपस्थिति दर्ज कराई और पूजन-अनुष्ठान किए. लाखों रामभक्तों की आस्था का केंद्र अब जनता के लिए खुला है.अयोध्या

धर्म और इतिहास का संगम: यह समारोह न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व का भी रहा. राम जन्मभूमि मंदिर विवाद के लंबे चले आ रहे मुद्दे को सुलझाने के बाद मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ हुआ था. 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देश में सामाजिक-राजनीतिक तनाव का माहौल बना था. हालांकि, मंदिर निर्माण के फैसले ने शांति और सद्भावना का संदेश दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई: प्रधानमंत्री मोदी ने आज के समारोह में केंद्रीय भूमिका निभाई. उन्होंने सबसे पहले मंदिर परिसर में शिलान्यास किया और उसके बाद गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों का प्राण-प्रतिष्ठा संस्कार किया. इस पवित्र अनुष्ठान में कई गणमान्य अतिथि और धर्मगुरुओं ने भी भाग लिया.

जनता का उत्साह: मंदिर खुलने की खबर सुनते ही रामभक्तों में अपार हर्ष उमड़ पड़ा. राम जन्मभूमि तीर्थस्थान और आसपास के इलाके में भक्तों का सैलाब उमड़ आया है. सभी लोग श्रद्धा और भक्तिभाव से दर्शन कर रहे हैं. मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है और भजन-कीर्तन का गुंजार चारों ओर फैला हुआ है.

एक नए युग का आगाज: अयोध्या राम मंदिर का निर्माण और उद्घाटन समारोह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है. यह देश की सांस्कृतिक विरासत और आस्था का प्रतीक बन गया है. मंदिर के खुलने से रामभक्तों की तमन्ना तो पूरी हुई ही है, साथ ही उम्मीद है कि इससे देश में सामाजिक सद्भावना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा.

आगे की राह: मंदिर निर्माण के साथ ही अब राम जन्मभूमि तीर्थस्थान के विकास का काम भी तेजी से शुरू होगा. मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा. साथ ही, आसपास के इलाके के विकास पर भी जोर दिया जाएगा. अयोध्या को एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने की योजना है.

इस ऐतिहासिक घटना ने पूरे देश में खुशी का माहौल बना दिया है. अयोध्या राम मंदिर के खुलने से ना केवल रामभक्तों का बल्कि पूरे भारत का सपना पूरा हुआ है. यह आशा की जाती है कि यह मंदिर आने वाले समय में राष्ट्रीय एकता और सद्भावना का प्रतीक बनेगा.

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