
दक्षिण अफ्रीकी देश ज़िम्बिया में हैजा के प्रकोप से त्रस्त है, जिसने अब तक लगभग 600 लोगों की जान ले ली है और 15,000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस गंभीर स्वास्थ्य संकट को देखते हुए भारत ने ज़िम्बिया को 3.5 टन मानवीय सहायता भेजी है।
भारत की सहायता में क्या शामिल है?
यह सहायता सामग्री लगभग 3.5 टन वजन की है, जिसमें पानी को शुद्ध करने की आपूर्ति, क्लोरीन की गोलियां और निर्जलीकरण को रोकने के लिए ओआरएस के पाउच शामिल हैं। ये सभी सामग्रियां ज़िम्बिया में हैजा के प्रकोप को नियंत्रित करने और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
हैजा का प्रकोप
ज़िम्बिया में अक्टूबर 2023 से ही हैजा का प्रकोप फैला हुआ है। यह प्रकोप गंदे पानी और खराब स्वच्छता व्यवस्था के कारण हुआ है। ज़िम्बिया के नौ में से नौ प्रांतों में हैजा के मामले सामने आए हैं, लेकिन सबसे अधिक मामले राजधानी लुसाका में सामने आए हैं, जहां लगभग 30 लाख लोग रहते हैं। वहां अधिकारियों ने राष्ट्रीय नायकों के स्टेडियम के बाहर एक अस्थायी उपचार केंद्र स्थापित किया है।
भारत की मानवीय सहायता का महत्व
भारत की मानवीय सहायता ज़िम्बिया के लिए महत्वपूर्ण है, जो इस गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। यह सहायता ज़िम्बिया को हैजा के प्रकोप को नियंत्रित करने और प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में मदद करेगी। भारत ने अतीत में भी कई प्राकृतिक आपदाओं और मानवीय संकटों के दौरान अन्य देशों की सहायता की है। यह सहायता भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाती है और देश की मानवीय भावना को प्रदर्शित करती है।
आप भी कर सकते हैं मदद
यदि आप ज़िम्बिया में हैजा के प्रकोप से प्रभावित लोगों की मदद करना चाहते हैं, तो आप दान देकर या स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ काम करके ऐसा कर सकते हैं। हर छोटी मदद भी महत्वपूर्ण होती है।