
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के भीतर चल रहे विवाद में निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को देने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि निर्वाचन आयोग ने अजित पवार गुट को “वास्तविक” राकांपा माना है।
यह फैसला शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट के लिए एक बड़ा झटका है। पिछले साल जून में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के दौरान राकांपा में दो फाड़ हो गए थे। अजित पवार ने शिवसेना और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, जबकि शरद पवार विपक्ष में बने रहे।
निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद अजित पवार ने कहा, “हम इस फैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है।”
वहीं, शरद पवार ने कहा कि वह इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, “यह फैसला लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। हम इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।”
निर्वाचन आयोग के इस फैसले के आने वाले चुनावों पर भी असर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि इस फैसले से महाराष्ट्र में राकांपा की राजनीतिक स्थिति और मजबूत हो जाएगी।
इस फैसले के कुछ मुख्य बिंदु:
- निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह (“चश्मा”) अजित पवार गुट को दे दिया है।
- इसका मतलब यह हुआ कि अजित पवार गुट को अब “वास्तविक” राकांपा माना जाएगा।
- शरद पवार गुट अब पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
- शरद पवार गुट इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती दे सकता है।
- इस फैसले के आने वाले चुनावों पर भी असर पड़ सकता है।