आंध्र प्रदेश में पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू का पता चलने से चिंताएं बढ़ गई हैं। राज्य के कृषि विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संक्रमित पक्षियों को मारने के शुरू कर दिया है और बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।

आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रकोप: चिंताएं बढ़ीं, संक्रमित पक्षियों  को मारने केऔर सख्त कदम उठाए गए

क्या है मामला?

  • हाल ही में, आंध्र प्रदेश के गुंटूर और कृष्णा जिलों में पोल्ट्री फार्मों में मुर्गियों में बर्ड फ्लू (H5N1) का पता चला है।
  • प्रारंभिक जांच में पाया गया कि संक्रमण जंगली पक्षियों के संपर्क में आने से फैला है।
  • राज्य सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई की और प्रभावित क्षेत्रों में पक्षियों को मारने केशुरू कर दी।

उठाए गए कदम:

  • संक्रमित फार्मों के आसपास 10 किमी के दायरे में स्थित सभी पोल्ट्री फार्मों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
  • संक्रमित पक्षियों के साथ ही संपर्क में आए स्वस्थ पक्षियों का भी को मारने के किया जा रहा है।
  • प्रभावित क्षेत्रों में कीटाणुशोधन का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
  • पशुपालन विभाग के अधिकारी पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण कर रहे हैं और पशुपालकों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।

चिंताएं और सावधानियां:

  • बर्ड फ्लू का प्रकोप पशुपालन उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है, जिससे आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  • यह बीमारी मनुष्यों में भी फैल सकती है, इसलिए सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है।
  • पका हुआ मुर्गा और अंडे का सेवन करना सुरक्षित है, लेकिन कच्चा मुर्गा या अंडे का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • मुर्गी पालन करने वाले किसानों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और अपने पक्षियों को जंगली पक्षियों से दूर रखना चाहिए।

निष्कर्ष:

बर्ड फ्लू का प्रकोप एक गंभीर मामला है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं, लेकिन जनता को भी सतर्क रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है। तभी इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।

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