समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में उत्तर प्रदेश की 11 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। सबसे चर्चित नाम अयोध्या सीट से धर्मवीर यादव और अमेठी से स्मृति ईरानी के खिलाफ गंगाराम चौधरी का है।

लोकसभा चुनाव: सपा ने जारी की दूसरी उम्मीदवारों की लिस्ट, अमेटी से स्मृति ईरानी के खिलाफ मैदान में उतारे उम्मीदवार

अयोध्या में धर्मवीर यादव को टिकट:

सपा ने अयोध्या सीट से पूर्व विधायक धर्मवीर यादव को टिकट देकर भाजपा को सीधी चुनौती दी है। यह सीट फिलहाल भाजपा के पास है, और पार्टी ने इसे अपने वरिष्ठ नेता ललित सिंह को सौंपा है। धर्मवीर यादव पिछले चुनाव में इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें करीब 1.5 लाख वोट मिले थे।

अमेठी में गंगाराम चौधरी का सामना स्मृति ईरानी से:

अमेठी सीट पर सपा ने गंगाराम चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है। यह सीट फिलहाल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास है। गंगाराम चौधरी कांग्रेस से नाता तोड़कर सपा में आए हैं और अमेठी से उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत अभी जारी है, लेकिन सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर इशारा दे दिया है कि वह किसी भी सूरत में अमेठी सीट पर दावा छोड़ने को तैयार नहीं है।

अन्य उल्लेखनीय नाम:

  • गाजीपुर से अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है।
  • शाहजहांपुर (सुरक्षित) सीट से राजेश कश्यप को टिकट दिया गया है।
  • हरदोई (सुरक्षित) सीट से उषा वर्मा को टिकट दिया गया है।
  • बहराइच (सुरक्षित) सीट से रामेश गौतम को टिकट दिया गया है।

विपक्षी गठबंधन को लेकर संशय:

हालांकि सपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, लेकिन विपक्षी गठबंधन को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।

सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

सपा के इस कदम को लेकर कांग्रेस में भी असंतोष देखा जा रहा है।

चुनावी रणनीति में बदलाव का संकेत:

सपा का यह कदम पार्टी की चुनावी रणनीति में बदलाव का संकेत देता है।

पार्टी पहले गठबंधन को ज्यादा तरजीह दे रही थी, लेकिन अब लगता है कि वह अकेले भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

यह भाजपा के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है।

आगे क्या?:

अगले कुछ दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर क्या समझौता होता है।

इसके अलावा, अन्य दलों के रुख का भी चुनाव पर असर पड़ेगा। 2024 का लोकसभा चुनाव काफी रोचक और कड़ा होने की उम्मीद है।

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