कांग्रेस ने हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर किए गए बल प्रयोग की कड़ी निंदा करते हुए इसे अन्याय बताया है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं, इन्हें नजरअंदाज करना और उन पर लाठीचार्ज करना गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार “दानदाताओं” का सम्मान कर रही है, लेकिन “अन्नदाताओं” का अपमान कर रही है।

कांग्रेस ने किसानों पर बल प्रयोग की निंदा की, जयराम रमेश बोले- "अन्नदाताओं का अपमान कर रहे हैं"

जयराम रमेश का बयान:

  • “किसान देश की रीढ़ हैं। उन्हीं के दम पर हम हरित क्रांति और श्वेत क्रांति ला पाए। उनकी मेहनत से ही भारत कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना।”
  • “आज वही किसान जब एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें ‘गोली की गारंटी’ दे रहे हैं। किसानों पर आंसू गैस और गोलियां चलाना अन्याय की पराकाष्ठा है।”
  • “कुछ ऐसा ही युवाओं के साथ भी हो रहा है। जब उन्होंने रोजगार मांगा तो उन्हें लाठी से दबा दिया गया। अग्निपथ जैसी योजनाओं से उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।”
  • “लेकिन अब पिछले 10 साल के अन्याय का अंत निकट है। कांग्रेस अपने ‘पांच न्यायों’ के एजेंडे के दो मुख्य स्तंभों – किसान न्याय और युवा न्याय के माध्यम से उन्हें उनका न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष का बयान:

  • अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर किए गए “क्रूर” बल प्रयोग की निंदा की।
  • उन्होंने पूछा कि पंजाब सरकार ने अब तक “अपने ही राज्यक्षेत्र में” किसान की हत्या पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की है।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस पंजाब की सीमाओं का उल्लंघन कर रही है और पंजाब क्षेत्र में किसानों पर आंसू गैस और रबर की गोलियां चला रही है। उनका दावा है कि 12 फरवरी से विरोध शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 200 किसान घायल हो चुके हैं।
  • खैरा ने आरोप लगाया कि यह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा किसानों के खिलाफ एक “संयुक्त अभियान” जैसा लगता है।
  • उन्होंने दावा किया कि एक किसान की मौत के अलावा, कुछ और किसान लापता हैं या उन्हें हरियाणा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
  • उन्होंने पूछा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को राज्य के विभिन्न जिलों में इंटरनेट बहाल करने से क्या रोक रहा है। उन्होंने कहा कि इससे अफवाहों को फैलने से रोका जा सकेगा।
  • खैरा ने मुख्यमंत्री से उन सभी सोशल मीडिया हैंडल को निलंबित करने की सिफारिश करने को कहा जो किसानों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं।

हालिया अपडेट:

  • इस खबर को लिखे जाने के समय तक सरकार या हरियाणा पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
  • किसान संगठन विरोध प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा कर चुके हैं।
  • कई राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं।

आपको क्या लगता है?

  • क्या हरियाणा सरकार का किसानों पर बल प्रयोग करना सही था?
  • सरकार को किसानों की मांगों पर क्या करना चाहिए?
  • इस घटनाक्रम का देश की राजनीति पर क्या असर होगा?

अपनी राय कमेंट में जरूर दें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here