नई दिल्ली: भारत में साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाते हुए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने संस्थानों को साइबर स्वच्छता प्रथाओं पर शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. इस पहल का उद्देश्य शिक्षण संस्थानों के कंप्यूटर नेटवर्क और डेटा को साइबर हमलों से बचाना है.

साइबर सुरक्षा के तौर-तरीके सिखाने के लिए विश्वविद्यालय संस्थानों को शिक्षित करेगा यूजीसी

यूजीसी द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों को अपने परिसरों में साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है. इन कार्यक्रमों में साइबर खतरों, मैलवेयर से बचाव के तरीकों, पासवर्ड सुरक्षा और फिशिंग घोटालों से बचने के बारे में जानकारी दी जाएगी.

यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शिक्षण संस्थान अक्सर साइबर अपराधियों द्वारा निशाना बनाए जाते हैं. उनके पास अमूल्य डेटा होता है, जैसे छात्रों का रिकॉर्ड, शोध कार्य और वित्तीय जानकारी. इस डेटा को चोरी करने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिए साइबर हमलावर अक्सर इन संस्थानों को अपना शिकार बनाते हैं.

यूजीसी का यह कदम न केवल संस्थानों के बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखने में मदद करेगा बल्कि छात्रों और कर्मचारियों को भी साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक बनाएगा. इससे वे संदिग्ध ईमेल लिंक पर क्लिक करने या संवेदनशील जानकारी साझा करने से बच सकेंगे.

विशेषज्ञों का मानना है कि यूजीसी की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. साथ ही यह अन्य सरकारी संस्थानों को भी इसी तरह की पहल करने के लिए प्रेरित करेगी.

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