जर्मनी ने हाल ही में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए व्यक्तिगत उपयोग के लिए गांजे के आंशिक वैधीकरण को मंजूरी दे दी है। यह कानून 1 अप्रैल 2024 से लागू हुआ है, जिससे जर्मनी यूरोप के सबसे उदार भांग कानूनों वाले देशों में से एक बन गया है।
नए कानून में क्या बदलाव हैं?
- व्यक्तिगत मात्रा रखने की अनुमति: अब जर्मनी में वयस्क (18 वर्ष से अधिक उम्र के) अपने पास अधिकतम 25 ग्राम सूखा गांजा रख सकते हैं।
- घर पर खेती की सीमित छूट: वयस्कों को अब व्यक्तिगत उपभोग के लिए अपने घर पर अधिकतम तीन गांजा के पौधे उगाने की अनुमति है।
- नियंत्रित भांग क्लब: जुलाई 2024 से, जर्मनी सरकार “भांग क्लब” स्थापित करने की योजना बना रही है। ये नियंत्रित संघ होंगे जिनमें सदस्य कानूनी रूप से भांग प्राप्त कर सकेंगे।
जर्मनी के इस कदम के पीछे क्या कारण हैं?
जर्मनी के गांजे के वैधीकरण के पीछे कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कानून प्रवर्तन का बोझ कम करना: सरकार का मानना है कि नए कानून से पुलिस का वह बोझ कम होगा जो मौजूदा प्रतिबंधों को लागू करने में लगता है।
- गुणवत्ता नियंत्रण और कर राजस्व: सरकार को उम्मीद है कि नियंत्रित बाजार भांग की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और कर राजस्व बढ़ाएगा।
- सामाजिक स्वीकृति को दर्शाना: यह कदम जर्मनी में गांजे के उपयोग के प्रति बढ़ती सामाजिक स्वीकृति को भी दर्शाता है।
जर्मनी के इस कदम की आलोचनाएं
हालांकि, जर्मनी के इस कदम की कुछ आलोचकों द्वारा आलोचना भी की गई है। उनकी चिंताओं में शामिल हैं:
- युवाओं पर पड़ने वाला प्रभाव: कुछ लोगों को चिंता है कि नया कानून युवाओं के बीच गांजा के उपयोग को बढ़ावा दे सकता है।
- सड़क सुरक्षा संबंधी चिंताएं: ड्राइविंग करते समय भांग के सेवन के संभावित खतरों को लेकर भी चिंताएं जताई गई हैं।
- लंबे समय तक स्वास्थ्य प्रभाव: कुछ विशेषज्ञ भांग के उपयोग के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंतित हैं।
यह देखना अभी बाकी है कि जर्मनी का यह प्रयोग भांग के वैधीकरण के लिए एक सफल मॉडल साबित होगा या नहीं। लेकिन एक बात तो तय है कि जर्मनी के इस कदम ने पूरे यूरोप में भांग के कानूनों पर बहस छेड़ दी है।