उत्तराखंड के नलपानी गाँव में पेड़ कटाई के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। गाँव के निवासी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, कहते हैं कि सरकार की योजना के अनुसार लगभग 9000 पेड़ों को काटा जाने का निश्चित है, जिसका परिणाम भूमि पर भयंकर परिणाम होगा।
गाँव के एक निवासी ने कहा, “पेड़ों पर लगाए गए नंबरों से स्पष्ट है कि सरकार 2000 से अधिक पेड़ों को काटने की योजना बना रही है। यह अभी शुरुआत है, और कुल मिलाकर 700 एकड़ जमीन पर 9000 से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा।”
ग्रामीणों का कहना है कि इस परियोजना का परिणाम भूमि पर नकारात्मक प्रभाव होगा, और इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा। “जैसा कि आप देख सकते हैं, पेड़ों पर नंबर लिखे गए हैं। यह अभी शुरुआत है और अभी तक 700-800 पेड़ों पर निशान लग चुके हैं। हमने अंदर भी देखा है, वहां भी पेड़ों को काटा जाएगा। इस वक्त अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि आखिर कितने पेड़ों को काटा जाएगा। उन्होंने पूरी जमीन को घेर लिया है।”
इस परिणाम स्वरूप, स्थानीय निवासियों ने इस परियोजना के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि उन्हें किसी से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वो पेड़ कटाई का विरोध करते हैं। उनका आग्रह है कि रविवार को सभी उत्तराखंड के लोग इस मुद्दे पर आम सहमति जताने के लिए एकजुट हों।
पेड़ कटाई के विरोध में इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए ग्रामीणों को बुलाया गया है। इस प्रदर्शन के दौरान स्थानीय निवासियों ने अपने विचार और चिंताओं को जताया है। वे मानते हैं कि पेड़ों की विविधता को बचाना और वृक्षों की संरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, और उन्हें सरकार को इस प्रक्रिया को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
उत्तराखंड में पेड़ कटाई के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन संभवतः सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने के लिए मजबूर कर सकता है। यह एक बड़ा संकेत है कि जनता पेड़ों और पर्यावरण की संरक्षा में गहरा विश्वास रखती है और वह इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाने के लिए तैयार है।