
जब बात स्वच्छता की आती है, तो उत्तराखंड और पहाड़ों की खूबसूरती निश्चित रूप से सुर्खियों में छा रहा है! हाल ही में जारी हुए “स्वच्छ सर्वेक्षण 2023” में, राज्य ने उन राज्यों में तीसरा स्थान हासिल किया है जिनमें 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय हैं। यह आंकड़ा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राज्य अपने निवासियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की बेहतर स्थिति के लिए कितना गंभीर है।
लेकिन आइए, राज्य के कुछ स्वच्छतम शहरों पर नज़र डालें और देखें कि कैसे वे स्वच्छता की कड़ी में सबसे ऊपर आ रहे हैं:
1. देहरादून – पहाड़ों की रानी की स्वच्छता का राज़

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून लगातार देश के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक के रूप में उभर रही है। इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 69वां स्थान हासिल किया और राज्य में शीर्ष पर पहुंच गया। देहरादून का स्वच्छता मॉडल कूड़ेदान के प्रभावी प्रबंधन, साफ-सुथरी सार्वजनिक जगहों और हरित क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर आधारित है।
2. हरिद्वार – गंगा की पवित्रता का प्रहरी

पवित्र गंगा नदी और असंख्य मंदिरों का धाम, हरिद्वार अपनी स्वच्छता पर गर्व करता है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के “स्वच्छतम गंगा कस्बों” श्रेणी में इसे प्रथम स्थान दिया गया है। शहर इस पवित्र नदी के घाटों और सड़कों को स्वच्छ रखने के लिए नियमित कचरा संग्रहण और जागरूकता अभियानों पर जोर देता है।
3. मसूरी – स्वच्छता में भी रानी का जलवा

“पहाड़ों की रानी” मसूरी न सिर्फ मनोरम दृश्यों और सुखद मौसम के लिए जानी जाती है, बल्कि यहां स्वच्छता भी उसी शान से राज करती है। शहर ने कूड़ेदान और कचरे के निपटान के लिए सख्त नियम लागू किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण देखने को मिलता है। स्वच्छ सर्वेक्षण में मसूरी को 145वां स्थान मिला।
4. नैनीताल – पहाड़ों की गोद में स्वच्छता का संदेश

झीलों और पहाड़ों से घिरा हुआ खूबसूरत हिल स्टेशन, नैनीताल प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छता दोनों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। शहर न सिर्फ सफाई पर फोकस कर रहा है, बल्कि खाद बनाने और प्लास्टिक कचरे को कम करने जैसे पर्यावरण अनुकूल पहलों को भी अपना रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण में नैनीताल को 242वां स्थान मिला।
5. ऋषिकेश – योग और स्वच्छता का संगम

“योग की राजधानी” ऋषिकेश पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन, ऋषिकेश सिर्फ आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां स्वच्छता भी बराबर जोर से बोलती है। एक कचरा-मुक्त शहर बनने का सपना देख रहा ऋषिकेश स्वच्छ सर्वेक्षण में 345वें स्थान पर है।
ये कुछ उदाहरण हैं, और उत्तराखंड के कई अन्य शहर अपनी स्वच्छता में सुधार के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार भी विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छता को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड एक स्वच्छ और सुंदर राज्य है जो आगंतुकों को बहुत कुछ प्रदान करता है। यदि आप मनोरम दृश्यों और ताजी हवा का आनंद लेने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं, तो उत्तराखंड निश्चित रूप से विचार करने योग्य है।
तो, आपने जान लिया कि उत्तराखंड के इन शहरों ने स्वच्छता की रैंकिंग में कमाल कर दिखाया है। अब एक सवाल आपके मन में उठ रहा होगा कि आखिर कौन सा शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। Also read “इंदौर और सूरत फिर बने सबसे स्वच्छ शहर, स्वच्छ सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल।”