देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा आज मंगलवार, 6 फरवरी, 2024 को समान नागरिक संहिता (UCC) पर चर्चा करने के लिए तैयार है। यह विधेयक राज्य में सभी धर्मों के लिए एक समान व्यक्तिगत कानून लागू करने का प्रस्ताव करता है। यह एक विवादास्पद विषय है और इस पर गहन बहस होने की उम्मीद है।
विधेयक में क्या है?
विधेयक का मसौदा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इसमें हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, और भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम जैसे मौजूदा व्यक्तिगत कानूनों को समाप्त करने का प्रस्ताव है। यह विधेयक सभी धर्मों के व्यक्तियों के लिए विवाह, उत्तराधिकार, दत्तक ग्रहण और अन्य व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करेगा।
विधेयक के समर्थक क्या कहते हैं?
विधेयक के समर्थकों का कहना है कि यह सभी धर्मों के लोगों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगा और भेदभाव को खत्म करेगा। उनका तर्क है कि मौजूदा व्यक्तिगत कानून महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को बनाए रखते हैं और उन्हें समान अधिकार नहीं देते हैं।
विधेयक के विरोधी क्या कहते हैं?
विधेयक के विरोधियों का कहना है कि यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला है और उनकी संस्कृति और परंपराओं को नष्ट कर देगा। उनका तर्क है कि समान नागरिक संहिता की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मौजूदा कानून पहले से ही सभी को समान अधिकार प्रदान करते हैं।
आगे क्या होगा?
यह देखना बाकी है कि विधेयक विधानसभा में पारित होगा या नहीं। यदि पारित हो जाता है, तो इसे राज्यपाल की स्वीकृति की आवश्यकता होगी। यह भी संभावना है कि विधेयक को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
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