गुजरात के कच्छ में पुरातत्वविदों को एक महत्वपूर्ण खोज हुई है। जूना खटिया गांव के बाहरी इलाके में खुदाई के दौरान उन्हें एक प्राचीन कब्रिस्तान मिला है। माना जा रहा है कि यह कब्रिस्तान हड़प्पा सभ्यता से जुड़ा हुआ है। इस खुदाई में मिले कंकाल अवशेष और अन्य चीजों से इस प्राचीन सभ्यता के बारे में नई जानकारियां मिलने की उम्मीद है।

प्राचीन कब्रिस्तान का पता चला: गुजरात के कच्छ में पुरातत्वविदों ने हड़प्पा सभ्यता के कब्रिस्तान से कंकाल अवशेष और अन्य सुराग खोजे

हड़प्पा सभ्यता के दफन संस्कार पर रोशनी डालती खोज

हड़प्पा सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है और यह प्राचीन भारत की एक प्रमुख सभ्यता थी। यह सभ्यता लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व तक फली-फूली। इस खुदाई से प्राप्त कब्रों का अध्ययन करने से पुरातत्वविदों को हड़प्पा लोगों के दफन संस्कारों और रीति-रिवाजों को समझने में मदद मिल सकती है।

कब्रिस्तान से मिले महत्वपूर्ण सुराग

खुदाई में अब तक 197 कब्रों की खुदाई की जा चुकी है और माना जाता है कि पूरे कब्रिस्तान में लगभग 500 कब्रें हो सकती हैं। इन कब्रों से प्राप्त वस्तुओं में मिट्टी के बर्तन, कंगन के टुकड़े, पत्थर के औजार और जानवरों की हड्डियां शामिल हैं। इन वस्तुओं का अध्ययन करके पुरातत्वविद हड़प्पा लोगों के जीवन शैली, सामाजिक संरचना और मृत्यु के बाद के विश्वासों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हड़प्पा सभ्यता को समझने में मील का पत्थर साबित हो सकती है यह खोज

यह खोज हड़प्पा सभ्यता को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। कब्रिस्तान से प्राप्त अवशेषों का विस्तृत विश्लेषण करने से पुरातत्वविदों को इस सभ्यता के लोगों के जीवन, मृत्यु और मृत्यु के बाद के विश्वासों के बारे में नया ज्ञान प्राप्त हो सकता है। आने वाले समय में होने वाली खुदाई और अध्ययन से निश्चित रूप से हड़प्पा सभ्यता के रहस्य उजागर करने में मदद मिलेगी।

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