भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सैनिकों के लिए एक बड़ी सौगात पेश की है। DRDO की प्रयोगशालाओं ने एक ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है जो अब तक की सबसे हल्की जैकेट है। यह जैकेट मात्र 9 किलोग्राम वजन की है और भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करती है।
यह नई जैकेट सैनिकों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। कम वजन होने के कारण सैनिकों को अब ज्यादा वजन उठाकर चलने की परेशानी नहीं होगी। इससे उनकी गतिशीलता और कार्यक्षमता बढ़ेगी।
विशेषताएं:
- वजन – केवल 9 किलोग्राम (पहले इस्तेमाल हो रही जैकेट का वजन 10 से 10.5 किलोग्राम के बीच होता था)
- सुरक्षा – जैकेट युद्ध के दौरान होने वाली गोलीबारी से सैनिकों की रक्षा करने में सक्षम है।
- आरामदायक – कम वजन होने के कारण पहनने में आरामदायक है।
कैसे हुआ विकास?
इस जैकेट को DRDO की कानपुर स्थित डिफेंस मटेरियल एंड स्टोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (DMSRDE) प्रयोगशाला में विकसित किया गया है। विशेषज्ञों की टीम ने हल्के लेकिन मजबूत मटेरियल और नई तकनीकों का इस्तेमाल कर इस जैकेट को बनाया है।
परीक्षण और स्वीकृति
इस जैकेट का कठोर परीक्षण किया गया है। चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लैब (TBRL) में इस पर गोलीबारी के दागे गए और यह सभी परीक्षणों में सफल रही। इसके बाद इसे भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुरूप पाया गया।
आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम
यह नई बुलेटप्रूफ जैकेट भारत को रक्षा उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब तक भारत को बुलेटप्रूफ जैकेट आयात करनी पड़ती थीं, लेकिन इस नई जैकेट के विकास से अब भारत को ना सिर्फ आयात कम करना होगा बल्कि बेहतर गुणवत्ता वाली जैकेट अपने सैनिकों को मुहैया करा सकेगा।
निष्कर्ष
DRDO द्वारा विकसित यह हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट भारतीय सैनिकों के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है। यह ना सिर्फ उनकी सुरक्षा करेगी बल्कि उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ाएगी।