अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि ईरान के साथ हालिया व्यापार समझौते के कारण उस पर प्रतिबंध लगने का जोखिम हो सकता है। यह चेतावनी पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बीच तीन दिवसीय वार्ता के बाद आई है, जिसमें दोनों देशों ने राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
संभावित प्रतिबंधों का कारण
अमेरिका ने ईरान पर परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका का कहना है कि ईरान के साथ व्यापार करने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन कंपनियों को जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं।
अमेरिकी बयान
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रधान उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा, “हम प्रसार नेटवर्क और चिंताजनक सामूहिक विनाश के हथियार खरीद गतिविधियों, चाहे वे कहीं भी हों, को बाधित करना जारी रखेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के आपूर्तिकर्ताओं पर अमेरिका द्वारा पहले लगाए गए प्रतिबंधों का भी उल्लेख किया।
पाकिस्तान का जवाब
पाकिस्तान ने अभी तक अमेरिकी चेतावनी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, यह संभावना है कि पाकिस्तान ईरान के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने की अपनी इच्छा को बनाए रखेगा, साथ ही अमेरिका के साथ अपने रणनीतिक सहयोग को भी संतुलित करने का प्रयास करेगा।
चिंता का विषय
यह चेतावनी अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों के लिए एक नया मोड़ ला सकती है। दोनों देशों के बीच पहले से ही रक्षा सहयोग कम हो चुका है, और यह आर्थिक प्रतिबंधों का खतरा उनके संबंधों को और तनावपूर्ण बना सकता है।
निष्कर्ष
ईरान के साथ व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका की चेतावनी पाकिस्तान के लिए एक कठिन चुनौती पेश करती है। पाकिस्तान को यह तय करना होगा कि वह ईरान के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है या अमेरिका के साथ अपने रणनीतिक सहयोग को बनाए रखना चाहता है। यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को कैसे संभालेगा।