संसद पर हुए हमले की 22वीं वर्षगांठ पर एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है।

नई दिल्ली: 13 दिसंबर को संसद पर हुए हमले की 22वीं वर्षगांठ पर एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है। बुधवार दोपहर 1.02 बजे लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अचानक अफरा-तफरी मच गई, जब दो लोग आगंतुक दीर्घा से कूदकर पीले धुआं छोड़ने वाले धुआं के गोले लेकर सदन में घुस आए।

सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति गहरे नीले रंग की शर्ट पहने कुर्सियों पर कूदते हुए दिखाई दे रहा है, जबकि दूसरा व्यक्ति आगंतुक दीर्घा में धुआं फेंक रहा है।

घटना से सदन में हंगामा मच गया और सांसदों ने दोनों व्यक्तियों को पकड़ने का प्रयास किया।

बाद में, सुरक्षाकर्मियों की मदद से उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

इस घटना के लगभग उसी समय, संसद के बाहर भी दो लोगों को रंगीन धुआं के गोले के साथ हिरासत में लिया गया।

पुलिस का मानना है कि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं।

इस घटना पर सख्त प्रतिक्रिया जताते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है और इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।”

सांसदों ने भी इस घटना पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है, खासकर संसद पर हमले की वर्षगांठ के दिन।” उन्होंने कहा, “धुआं जहरीला हो सकता था और इससे सांसदों को नुकसान हो सकता था।”

इस घटना से देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

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