माले, 16 दिसंबर 2023: भारत और मालदीव के बीच जलसर्क्षण सर्वेक्षण समझौते को लेकर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, इस समझौते को नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया है। यह समझौता जून 2024 में समाप्त हो रहा है, लेकिन मालदीव के अधिकारियों ने भारत को सूचित किया है कि वे इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे।
कारणों की अस्पष्टता और भविष्य की अनिश्चितता:
सरकार की ओर से अभी तक इस फैसले के पीछे का स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मालदीव सरकार किसी अन्य देश के साथ इस तरह के समझौते पर विचार कर रही है, जबकि अन्य इसे द्विपक्षीय संबंधों में किसी तनाव का संकेत मानते हैं।
समझौते की संक्षिप्त जानकारी:
2019 में हस्ताक्षरित यह समझौता भारत को मालदीव के पानी में जटिल जलीय सर्वेक्षण करने की अनुमति देता था।
ये सर्वेक्षण जलमार्गों के सुरक्षित नेविगेशन के लिए आवश्यक गहराई और बाधाओं का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण थे।
संभावित प्रभाव:
इस फैसले के भारत-मालदीव संबंधों पर दीर्घकालिक प्रभाव का आकलन करना अभी मुश्किल है।
मालदीव संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के साथ भी करीबी संबंध रखता है, और कुछ विश्लेषक मानते हैं कि उन देशों से बढ़ते संबंध इस निर्णय का एक कारक हो सकते हैं।
अनिश्चित भविष्य और तनाव की संभावना:
फिलहाल यह अस्पष्ट है कि मालदीव अपने स्वयं के जलसर्क्षण सर्वेक्षण का संचालन करेगा या किसी अन्य देश को अनुबंध देगा।
भारत सरकार भी अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दे पाई है।