दिल्ली की हवा 75वें गणतंत्र दिवस के जश्न की तैयारी में ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण को गवाह बनने को भी लालायित है।फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन इस गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत की धरती पर पधार रहे हैं, जिसको लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी हर्ष व्यक्त किया है।
मैक्रॉन के ट्विटर पोस्ट के जवाब में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में आपके मुख्य अतिथि के रूप में आने के लिए बहुत उत्साहित हूं।
यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा और हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा।”
यह निश्चित रूप से एक ऐसा ऐतिहासिक अवसर होगा, जो ना केवल दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक परिदृश्य में भी एक खास संदेश देगा।
भारत और फ्रांस, दोनों ही लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मजबूत स्तंभ हैं।
साथ ही, बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने में इन दोनों देशों की अहम भूमिका है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय संबंधों ने उल्लेखनीय प्रगति देखी है, और निश्चित रूप से मैक्रॉन का आगमन इस रिश्ते में नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में फ्रांस को भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया है।
दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों का लगातार विस्तार हो रहा है।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में भी भारत और फ्रांस मजबूती से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं ।
आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत और फ्रांस का संयुक्त प्रयास विश्व शांति और सुरक्षा के लिए बेहद प्रासंगिक है।75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मैक्रॉन की उपस्थिति ना केवल इस ऐतिहासिक अवसर को और विशेष बनाएगी, बल्कि भारत और फ्रांस के बीच साझा हितों और सहयोग के रास्तों को और भी व्यापक बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इस गणतंत्र दिवस, आइए हम दोनों देशों की मित्रता और सहयोग की विरासत को याद करें और साथ ही भविष्य में दोनों देशों के मिलकर विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के संकल्प को एक नया स्वर दें।