
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक अयोध्या नगरी को दिव्य उपहार स्वरूप एक नया हवाई अड्डा और पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन प्रदान किया। यह उपहार, आगामी भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर से पहले शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और लाखों आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए दिया गया है।
महाऋषि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा: 1463 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ‘महाऋषि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’ न केवल हवाई यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। यह हवाई अड्डा राम मंदिर की आकृति से प्रेरित है और इसमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। 6 जनवरी से संचालन शुरू होने वाला यह हवाई अड्डा, देश के प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ेगा।
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन: 240 करोड़ रुपये के निवेश से, अयोध्या रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हुआ है। अब इसे ‘अयोध्या धाम’ नाम दिया गया है। तीन मंजिला यह स्टेशन पर्यावरण-अनुकूल प्रमाणित है और लिफ्ट, एस्केलेटर, विशाल प्रतीक्षा कक्ष, क्लोकरूम और फूड प्लाजा जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है। स्टेशन का नया स्वरूप भव्य और आधुनिक है, जो तीर्थयात्रियों को दिव्य अनुभव प्रदान करेगा।
विकास की नई ऊंचाइयां: ये दोनों परियोजनाएं अयोध्या के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं।
नए हवाई अड्डे और बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी से पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
साथ ही, यह राम मंदिर की पवित्रता और गौरव को भी बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी की संकल्पना: प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या को विश्व स्तरीय तीर्थ स्थल बनाने का संकल्प लिया है।
इन परियोजनाओं के साथ, अयोध्या धीरे-धीरे आधुनिकता और प्राचीनता के सुन्दर संगम का उदाहरण बन रहा है।
आने वाले समय में अयोध्या न केवल आध्यात्मिक केंद्र, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का भी एक शक्तिशाली प्रतीक बनेगा।
मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या को नया हवाई अड्डा और पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन प्रदान किया।
- महाऋषि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा।
- अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल है।
- ये परियोजनाएं अयोध्या के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देंगी।
- प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या को विश्व स्तरीय तीर्थ स्थल बनाने का संकल्प है।