मणिपुर के तेंगनोपल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक पुलिस कमांडो शहीद हो गया है। बताया जा रहा है कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने एसबीआई मोरेह के पास एक सुरक्षा चौकी पर बम फेंके और गोलियां चलाईं। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की।

शहीद हुए अधिकारी की पहचान डब्ल्यू सोमोरजीत के रूप में हुई है। एक अन्य कमांडो घायल हुआ है। आतंकवादियों ने वार्ड 7 के पास पुलिस पर फायरिंग की। मुठभेड़ा एक घंटे से अधिक समय तक चला।

यह हिंसा उस घटना के दो दिन बाद हुई है, जब मोरेह में पिछले साल अक्टूबर में एक पुलिस अधिकारी की हत्या के आरोपी दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

मणिपुर सरकार ने “शांति भंग, सार्वजनिक शांति व्यवस्था भंग और तेंगनोपल के राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत मानव जीवन और संपत्ति को गंभीर खतरा” की आशंका के चलते जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया है।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आवश्यक सेवाओं को कर्फ्यू से छूट दी गई है।

इससे पहले मंगलवार रात, इंफाल पश्चिम जिले के कौत्रुक गांव में ग्रामीण स्वयंसेवकों और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई थी। हालांकि बाद में केंद्रीय सुरक्षा बलों ने इसे रोक दिया।

पीटीआई के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने सोमवार को फिलिप खोंगसाई और हेमोकॉलल मेटे को पिछले साल अक्टूबर में एसडीपीओ चं आनंद की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। दोनों ने सुरक्षाबलों के वाहनों पर फायरिंग की थी, जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया।

उन्हें नौ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि उनके पास से एक पिस्तौल जिसमें दो जिंदा कारतूस, एक चीनी हथगोला, एके गोला-बारूद के दस राउंड और दस डेटोनेटर बरामद किए गए हैं।

बताया जा रहा है कि मोरेह पुलिस स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में महिलाएं इकट्ठा होकर उनके “बिना शर्त रिहाई” की मांग कर रही थीं।

पिछले साल मई से ही मणिपुर में प्रमुख मीतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

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