गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को ऐलान किया है कि भारत-म्यांमार सीमा पर बांग्लादेश-भारत सीमा की तरह ही बाड़ लगाई जाएगी और दोनों देशों के बीच मौजूदा स्वतंत्र आवागमन व्यवस्था (Free Movement Regime) को खत्म कर दिया जाएगा।

उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक के दौरान यह घोषणा की. इस सीमावर्ती राज्य की राजधानी गुवाहाटी में हुई इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमा सुरक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर चर्चा करना था।

शाह ने बताया कि 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पूरी तरह से घेराबंद होगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगभग साढ़े चार साल का समय लगेगा. उन्होंने कहा कि सीमा पर बाड़ लगाने से अवैध आव्रजन, मादक पदार्थों की तस्करी और उग्रवादी गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

स्वतंत्र आवागमन व्यवस्था यानी एफएमआर के अंतर्गत सीमा के दोनों ओर 16 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग एक वर्ष की वैधता वाले सीमा पास पर बिना वीजा के आ जा सकते थे। यह व्यवस्था 2018 में भारत की पूर्व की ओर विकास नीति के तहत लागू की गई थी।

हालांकि, सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था का दुरुपयोग किया जा रहा है। कई उग्रवादी समूह इसका फायदा उठाकर भारतीय सीमा में घुसपैठ करते हैं और फिर वापस म्यांमार भाग जाते हैं। साथ ही, अवैध आव्रजन और तस्करी गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है।

शाह के इस ऐलान का पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में विरोध हो सकता है। इस क्षेत्र में कई जनजातीय समुदाय सदियों से सीमा के दोनों ओर रहते आए हैं। उनके लिए एफएमआर पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण जरिया था।

हालांकि, सरकार का तर्क है कि सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। सरकार इस निर्णय के साथ आगे बढ़ेंगी या स्थानीय विरोध को ध्यान में रखकर कोई बदलाव करेंगी, ये देखना बाकी है।

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