देहरादून, 31 जनवरी 2024: मूल निवास और भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा आंदोलनकारियों को माओवादी कहे जाने पर कड़ी निंदा की है। समिति ने प्रदेश अध्यक्ष से सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है।
समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मूल निवास और भू कानून के लिए लड़ रहे लाखों मूल निवासियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि 4 फरवरी को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में कार्यक्रम रखा गया है। जहां पर प्रदेश अध्यक्ष को आमंत्रित किया गया है। उनके अंदर साहस है तो वह ऋषिकेश पहुँचकर जनता को बताए कि उन्होंने माओवादी क्यों कहा। मूल निवास भू कानून को लेकर उनकी क्या सोच है, वह जनता को सार्वजनिक मंच पर बताएं।
उन्होंने यह भी कहा कि मूल निवास और सशक्त भू कानून को लेकर सरकार विशेष सत्र में कानून बनाए।
समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि हल्द्वानी में ऐतिहासिक महारैली के बाद अब टिहरी में 11 फरवरी को मूल निवास स्वाभिमान महारैली होगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इससे पहले चार फरवरी को ऋषिकेश में भी एक कार्यक्रम के जरिये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बहस की खुली चुनौती दी गई है। समिति पूरे उत्तराखंड में स्वाभिमान महारैली आयोजित करेगी।
महिला मंच से निर्मला बिष्ट, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी क्रांति कुकरेती, समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल साया संगठन के संयोजक आशीष बिष्ट ने कहा कि सरकार लोक कलाकारों पर अनावश्यक दबाव बना रही है। उन्हें कहा जा रहा है कि मूल निवास स्वाभिमान महारैली को लेकर आवाज़ न उठाएं। कुछ कलाकार सरकार के दबाव में हैं। लेकिन अधिकतर अपने अधिकार के लिए खुलकर बात कर रहे हैं।
राज्य आंदोलनकारी अम्बुज शर्मा, साया संगठन के अध्यक्ष सचिन खन्ना, पहाड़ी स्वाभिमान सेना से देवचन्द्र उत्तराखंडी, पंकज उनियाल, देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल, नेताजी संघर्ष समिति के प्रभात डंडरियाल ने कहा कि मूल निवास और मजबूत भू कानून के किए उत्तराखंड की जनता एक हो गई है। इसे बांटने वालों के इरादे कभी सफल नहीं होंगे। आज लाखों लोग मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। सरकार को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।