
नई दिल्ली, 31 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद गठित होने वाली नई सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी. उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए लेखानुदान (वोट-ऑन-अकाउंट) बजट ही पेश करेगी.
पीएम मोदी ने कहा, “आप जानते हैं कि चुनाव का समय निकट आने पर परंपरागत रूप से पूर्ण बजट प्रस्तुत नहीं किया जाता है. हम भी इसी परंपरा का पालन करेंगे और पूर्ण बजट नई सरकार द्वारा बनाया जाएगा.”
उन्होंने यह भी कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल लोकसभा में ‘लेखानुदान’ वाला बजट पेश करेंगी, जो नए वित्तीय वर्ष के खर्च को चलाने के लिए अंतरिम व्यवस्था है.
पूर्ण बजट का महत्व:
पूर्ण बजट आर्थिक नीतियों और प्रस्तावों का सबसे महत्वपूर्ण और विस्तृत दस्तावेज होता है. इसमें सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व संग्रह और व्यय का अनुमान करती है. इसके साथ-साथ, इसमें विभिन्न क्षेत्रों और कार्यक्रमों के लिए धन आवंटन की भी जानकारी होती है.
लेखानुदान बजट की सीमाएं:
लेखानुदान बजट केवल सरकारी कार्यों के निर्वाह के लिए आवश्यक धन मुहैया कराता है. इसमें नए कार्यक्रमों या योजनाओं की घोषणा नहीं की जाती है.
पीएम मोदी के भाषण के अन्य मुख्य बिंदु:
- उन्होंने संसद के इस सत्र को नए लोकसभा भवन में आयोजित किए जाने का स्वागत करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र की ताकत का प्रतीक बताया.
- उन्होंने विपक्षी दलों से सरकार के कामकाज में रचनात्मक योगदान देने का आग्रह किया.
- उन्होंने आने वाले चुनावों को लोकतंत्र का उत्सव बताते हुए लोगों से शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण तरीके से मतदान करने का आह्वान किया.
पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में आर्थिक मुद्दे प्रमुखता से उभरने की संभावना है. विपक्षी दल लेखानुदान बजट में सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठा सकते हैं और नए बजट पेश करने में देरी को भाजपा सरकार की कमजोरी बता सकते हैं.