Monday, June 16, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखंडताज़ा खबरउत्तराखंड में बहुविवाह प्रतिबंधित, लिव-इन रिलेशनशिप को घोषणा अनिवार्य: मसौदा यूसीसी में...

उत्तराखंड में बहुविवाह प्रतिबंधित, लिव-इन रिलेशनशिप को घोषणा अनिवार्य: मसौदा यूसीसी में अहम प्रस्ताव

उत्तराखंड में बहुविवाह प्रतिबंधित, लिव-इन रिलेशनशिप को घोषणा अनिवार्य: मसौदा यूसीसी में अहम प्रस्ताव

देहरादून, 2 फरवरी 2024: उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित समिति ने राज्य में लागू करने के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। इस मसौदे में कुछ अहम प्रस्ताव शामिल हैं, जिनमें बहुविवाह पर पूर्ण प्रतिबंध और लिव-इन रिलेशनशिप को सार्वजनिक घोषणा अनिवार्य करना शामिल है।

मुख्य प्रस्ताव:

  • बहुविवाह प्रतिबंध: मसौदे में प्रस्ताव किया गया है कि राज्य में किसी भी धर्म को मानने वाले व्यक्ति के लिए एक से अधिक विवाह करना गैरकानूनी होगा। यह प्रस्ताव उन समुदायों को भी प्रभावित करेगा, जिनमें परंपरागत रूप से बहुविवाह की अनुमति है।
  • लिव-इन रिलेशनशिप घोषणा: जो लोग लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, उनके लिए यह अनिवार्य होगा कि वे पुलिस के समक्ष स्व-घोषणा करें। हालांकि, इस घोषणा से उन्हें विवाहित जोड़ों के समान कानूनी अधिकार नहीं मिलेंगे।
  • विवाह आयु: मसौदे में सभी धर्मों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष प्रस्तावित की गई है।
  • विवाह पंजीकरण अनिवार्य: सभी विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • समान विरासत अधिकार: पुत्र और पुत्रियों को समान विरासत अधिकार दिए जाएंगे।
  • तलाक के समान आधार: पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए तलाक के समान आधार होंगे।

प्रतिक्रियाएं:

इस मसौदे को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह प्रगतिशील कदम है और इससे राज्य में समानता को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, कुछ अन्य लोगों का मानना है कि यह प्रस्ताव धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और इसे लागू करना मुश्किल होगा।

यह उल्लेखनीय है कि यह अभी सिर्फ एक मसौदा है और इसे लागू करने से पहले राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया जाना आवश्यक है। इसके अलावा, मसौदे में प्रस्तावित कुछ प्रावधानों पर कानूनी चुनौती भी दी जा सकती है।

अगला कदम:

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार विभिन्न समुदायों और हितधारकों से इस मसौदे पर प्रतिक्रिया लेगी और उसके बाद ही इस पर आगे कोई निर्णय करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मसौदा उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करता है या नहीं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

https://www.youtube.com/0vQxV_ynKyc

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!