
नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (UCC) के मसौदे में बहुविवाह और बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। यह मसौदा देश में सभी नागरिकों के लिए समान कानूनी व्यवस्था स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है।
बहुविवाह और बाल विवाह:
बहुविवाह एक ही समय में एक से अधिक पत्नियों या पतियों से शादी करने की प्रथा है। बाल विवाह 18 वर्ष से कम उम्र में शादी करने का कार्य है।
इन प्रथाओं को प्रतिबंधित करने की सिफारिश:
UCC के मसौदे में इन प्रथाओं को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की गई है क्योंकि ये महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन:
बहुविवाह और बाल विवाह महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। इन प्रथाओं से महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों से वंचित रखा जाता है। बच्चों को भी शिक्षा और विकास के अवसरों से वंचित रखा जाता है।
UCC लागू होने पर:
यदि UCC लागू होता है, तो यह बहुविवाह और बाल विवाह को रोकने में मदद करेगा। यह महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को भी मजबूत करेगा।
यह एक महत्वपूर्ण खबर है जो देश के सभी नागरिकों को प्रभावित करेगी।