चंडीगढ़: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा दांव खेलते हुए ऐलान किया है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में पंजाब की सभी 14 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस फैसले के साथ उन्होंने पंजाब में कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन की भी संभावनाओं को खत्म कर दिया है।
शनिवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा, “आप पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों और चंडीगढ़ की एक सीट पर प्रत्याशियों का ऐलान आने वाले दिनों में करेगी। पंजाब के लोग बदलाव चाहते हैं और हम उन्हें यह बदलाव दिलाएंगे।”
यह फैसला पंजाब की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। पिछले विधानसभा चुनावों में आप ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत चल रही थी, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
पंजाब में भाजपा को भी मजबूत माना जाता है। ऐसे में आप का सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला दिलचस्प होगा। पार्टी को उम्मीद है कि उसका पिछले चुनावों में किया गया प्रदर्शन और सरकार का काम उसे लोगों का समर्थन दिलाएगा।
कांग्रेस को तगड़ा झटका
केजरीवाल के इस फैसले से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। पंजाब में आप से गठबंधन की उम्मीद कर रही कांग्रेस को अब अकेले चुनाव लड़ना पड़ेगा। इससे उसका चुनाव प्रचार काफी प्रभावित हो सकता है।
विपक्षी खेमे में उथल-पुथल
पंजाब में विपक्षी खेमे में पहले से ही काफी उथल-पुथल है। अब आप के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले से विपक्ष और ज्यादा कमजोर हो सकता है। यह भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
आने वाले दिनों में तेज होगा सियासी घमासान
केजरीवाल के इस फैसले के बाद पंजाब में राजनीतिक घमासान और भी तेज होने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में सभी पार्टियां अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगी और जनता को लुभाने की कोशिश करेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि पंजाब की जनता किसे अपना समर्थन देगी।