
देश के चार धामों में एक भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो गई है, मान्यता है कि जब भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होते हैं तब देवी देवता भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना करते हैं जबकि कपाट खुलने के पश्चात ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए मनुष्य भगवान बद्री विशाल की पूजा करते हैं। भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा बसंत पंचमी के मौके पर नरेंद्र नगर राजमहल में महाराजा मनुजेंद्र शाह ने की। भगवान बद्री विशाल के कपाट 12 मई को प्रातः 6 बजे ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। परंपरा अनुसार कपाट खोलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया के लिए गाडू घड़ा यात्रा लक्ष्मी नारायण मंदिर डिमर से मंगलवार को 13 फरवरी शाम बद्री केदार मंदिर समिति के चंद्रभागा स्थित विश्राम गृह पहुंची थी। चंद्रभागा में श्रद्धालुओं ने गाडू घड़ा का स्वागत किया ,जबकि बुधवार को मंदिर समिति ने गाडू घड़ा राजमहल को सोंपा उसके बाद गाडू घड़ा में तेल पिरोया गया, धाम के कपाट खुलने से पहले तेल से भरा गाडू घड़ा नरेंद्र नगर राज दरबार से डिमर होते हुए श्री नरसिंह मंदिर ,योग बद्री, पांडुकेश्वर से श्री बद्रीनाथ धाम पहुंच जाएगा। कपाट खोलने के बाद परंपरा अनुसार गाडू घड़ा के तेल को भगवान बद्री विशाल के नित्य अभिषेक के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।