गयानवापी मस्जिद विवाद में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मस्जिद के तहखाने में पूजा करने के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला 24 फरवरी, 2024 को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया था।

ग्या‍नवापी मस्जिद विवाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मस्जिद के तहखाने में पूजा करने के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

इस मामले की पृष्ठभूमि यह है कि जनवरी 2024 में, वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर एक याचिका को स्वीकार करते हुए, मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों के सामने पूजा करने की अनुमति दी थी। इस फैसले के बाद, मस्जिद के प्रबंधन समिति, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।

उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया कि जिला अदालत का आदेश सही है और उसे बरकरार रखा जाएगा। हालांकि, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले से मस्जिद के धार्मिक चरित्र या उसके प्रबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

यह फैसला गंभीर है क्योंकि यह एक लंबे समय से चल रहे विवाद में एक नया मोड़ लाता है। गौरतलब है कि हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद उस स्थान पर बनी है जहां पहले एक मंदिर था, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद सदियों से एक पूजा स्थल के रूप में विद्यमान है।

उच्च न्यायालय का फैसला दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदू पक्ष इसे अपनी जीत के रूप में देख सकता है, जबकि मुस्लिम पक्ष कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने का फैसला कर सकता है।

हालांकि, यह फैसला विवाद को पूरी तरह से सुलझाता नहीं है। यह केवल एक कदम है और यह देखना बाकी है कि भविष्य में क्या होता है। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्ष शांति बनाए रखें और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास करें।

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