राष्ट्रीय बाघ गणना सर्वेक्षण (All India Tiger Estimation) से असहमत होते हुए, ओडिशा सरकार ने दावा किया है कि राज्य के वनों में 30 रॉयल बंगाल टाइगर और एक साल से कम उम्र के आठ शावक हैं। यह दावा 2022 की अखिल भारतीय बाघ गणना रिपोर्ट के विपरीत है, जिसमें केवल 20 बाघों की उपस्थिति का अनुमान लगाया गया था।

राष्ट्रीय सर्वेक्षण से असहमति के बाद, ओडिशा का दावा - 30 रॉयल बंगाल टाइगर और 8 शावक मौजूद

ओडिशा के वन अधिकारियों का कहना है कि उनके राज्य में बाघों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए उपयोग की जाने वाली गणना विधियों में त्रुटियां थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सर्वेक्षण ने बाघों के प्राकृतिक आवासों को पर्याप्त रूप से कवर नहीं किया। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान में दावा किया गया है कि उनके पास बाघों की बढ़ती संख्या को साबित करने के लिए कैमरा ट्रैपिंग डेटा के रूप में पर्याप्त सबूत हैं।

बाघ संरक्षणवादियों ने ओडिशा सरकार के दावों का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि बाघों की आबादी की निगरानी और सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। भारत में रॉयल बंगाल टाइगर एक लुप्तप्राय प्रजाति है, जिसका संरक्षण देश के वन्यजीव संरक्षण अभियानों का केंद्र बिंदु है।

अस्वीकरण: इस लेख में प्रस्तुत संख्या और दावे काल्पनिक हैं और केवल उदाहरण के रूप में काम करते हैं। वास्तविक बाघों की संख्या और ओडिशा में उनकी स्थिति के बारे में सटीक जानकारी के लिए, कृपया विश्वसनीय सरकारी स्रोतों और वन्यजीव संरक्षण संगठनों से संपर्क करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here