भारत सरकार की केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने गुरुवार को चिप निर्माण (सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन) से जुड़ी तीन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं में कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसमें टाटा समूह द्वारा स्थापित किया जाने वाला भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट भी शामिल है।

कैबिनेट ने चिप प्रस्तावों को मंजूरी दी, टाटा द्वारा पहली फैब सहित 15 अरब डॉलर से अधिक का निवेश

टाटा समूह ताइवान की कंपनी पावरचिप (PSMC) के साथ मिलकर गुजरात के धोलेरा में लगभग 91,000 करोड़ रुपये की लागत से एक सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करेगा। इस प्लांट में हर साल 300 करोड़ चिप्स का उत्पादन करने की क्षमता होगी। यह चिप्स हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेंगे।

कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई अन्य दो परियोजनाओं में से एक इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा 68,000 करोड़ रुपये की लागत से कर्नाटक में चिप्स के डिजाइन और विकास के लिए एक फैबलेस (Fabless) चिप डिजाइन केंद्र की स्थापना शामिल है। दूसरी परियोजना में डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक सेमीकंडक्टर लेब इंडिया (एससीएलआई) प्रोग्राम की स्थापना शामिल है।

इन चिप निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी देना भारत सरकार के सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे देश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत होगी और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

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