कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के सत्ता में आने पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) को निरस्त करने का वादा किया है। पार्टी का यह बयान आगामी लोकसभा चुनावों से पहले आया है, जिसमें सीएए एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है।

कांग्रेस नेता का दावा है कि सीएए(CAA ) भेदभावपूर्ण है और यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि भारत सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के लिए है, और सीएए एक विशेष धार्मिक समूह को लाभ पहुंचाता है, जबकि अन्य को बाहर रखता है।
इस वादे के जवाब में, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हुए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का एक मानवीय कदम है, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सीएए को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह अधिनियम भेदभावपूर्ण है, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक आवश्यक कदम है। यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी प्रमुखता से उभरने की संभावना है, और दोनों प्रमुख दल इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं।
नोट: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है और किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता है।