देहरादून– जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव निकट आ रहे हैं कांग्रेस का कुनबा पूरे देश में बिखरता नजर आ रहा है कुछ नाराज होकर तो कुछ सीबीआई और ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए बीजेपी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। बीते दिनों गंगोत्री के पूर्व विधायक और कांग्रेस के नेता विजयपाल सजवाण ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, उसी क्रम में कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की बहू और लैंसडाउन से पूर्व प्रत्याशी अनुकृति गुसाईं रावत ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था ।आपको बता दें इससे पहले हरक सिंह रावत पर ईडी की छापेमारी हुई थी इसके बाद उनके करीबी रही लक्ष्मी राणा ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ लिया था और अब उनकी बहू ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ लिया है। विपक्ष के कई बड़े नेता कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्य के पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
अगर यूं कहा जाए कि कुछ कांग्रेसी पार्टी से नाराजगी के चलते तो कुछ ईडी सीबीआई की कार्रवाई से बचने के चलते कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा रहे हैं तो गलत नहीं होगा। वहीं बद्रीनाथ के मौजूदा विधायक ने आज पार्टी से इस्तीफा देने के बाद राजधानी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के हाथों बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की , आपको बता दें इस प्रकार की कयासबाजी और अटकलें पिछले काफी समय से चल रही थी की राजेंद्र भंडारी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं क्योंकि उनकी पत्नी पर जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए नंदा देवी राज जात यात्रा में घोटाले का आरोप लगा था और तब से ही सियासी गलियारों में राजेंद्र भंडारी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रहीं थी। अब देखने की बात यह होगी कि आखिर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पेड़ से कितने पत्ते गिरते हैं और यह देखना भी दिलचस्प होगा की जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और वे बागी बनकर कांग्रेस और अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो क्या उन पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई बदस्तूर जारी रहती है या फिर भाजपा का आशीर्वाद उन पर बना रहता है।