मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में 600 से अधिक वकीलों ने देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर एक ऐसे समूह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो कथित तौर पर न्यायालयों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है [4]। इस पत्र में वकीलों ने दावा किया है कि यह समूह न्यायपालिका की छवि खराब कर रहा है और लोगों के बीच में कानून के प्रति सम्मान कम कर रहा है।

मुंबई में एक कागज के टुकड़े से सुलझी डबल मर्डर की गुत्थी
दूसरी ओर, मुंबई पुलिस ने एक सनसational डबल मर्डर मामले को सुलझाने की खबर सामने आई है। खबरों के अनुसार, पुलिस को जांच के दौरान घटनास्थल से मिले एक छोटे से कागज के टुकड़े से महत्वपूर्ण सुराग मिला जिसने मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई [1]। फिलहाल पुलिस इस मामले में अधिक जानकारी देने से बच रही है।
यह दोनों घटनाएं भारतीय न्याय व्यवस्था के दो अलग-अलग पहलुओं को उजागर करती हैं। जहां एक तरफ वकील न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस जांच के क्षेत्र में लगातार सफलता हासिल कर रही है।