तेलंगाना के मंचेरियल जिले के कन्नेपल्ली गांव में स्थित ब्लेस्ड मदर टेरेसा हाई स्कूल में हाल ही में हिंसा की घटना सामने आई है। इस हमले की वजह कुछ छात्रों द्वारा स्कूल की वर्दी के बजाय भगवा कपड़े पहनकर आना बताया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूल के प्रिंसिपल, जैमोन जोसेफ (केरल के रहने वाले) ने दो दिन पहले देखा कि कुछ छात्र स्कूल में भगवा कपड़े पहनकर आए हैं। पूछने पर पता चला कि वे 21 दिवसीय हनुमान दीक्षा का पालन कर रहे हैं। प्रिंसिपल ने छात्रों से अपने माता-पिता को स्कूल लाने के लिए कहा ताकि इस पर चर्चा की जा सके। कथित तौर पर प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि अगर वर्दी के अलावा किसी और कपड़े में स्कूल आना है तो माता-पिता को पहले से अनुमति लेनी होगी।
मामला बढ़ा, स्कूल पर हमला
मामला यहीं नहीं रुका। सोशल मीडिया पर ये दावा वायरल हो गया कि प्रिंसिपल स्कूल परिसर में हिंदू धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इसी वीडियो के बाद कथित तौर पर उग्र भीड़ ने स्कूल पर हमला कर दिया। 16 अप्रैल को हुई इस घटना में भीड़ ने “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए खिड़कियों के शीशे तोड़े और स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
दोनों पक्षों ने दर्ज कराई FIR
इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों, दोनों पक्षों ने एफआईआर दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
विवाद का अहम सवाल
इस घटना ने ये सवाल खड़ा कर दिया है कि स्कूल यूनिफॉर्म के नियमों का पालन करते हुए धार्मिक आस्था का प्रदर्शन किस हद तक जायज है? साथ ही ये भी चिंता का विषय है कि इस तरह के मामलों में सोशल मीडिया किस तरह से भड़काऊ माहौल बनाने का काम करता है।

