एक अच्छी खबर! वैज्ञानिकों की एक टीम, जिसमें भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं, ने कोबरा और करैत के जहर को निष्क्रिय करने वाला एक शक्तिशाली मारक विकसित किया है। यह खोज सांप के काटने से होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
यह नया मारक सिंथेटिक एंटीबॉडी (synthetic antibody) पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने गंभीर बीमारियों जैसे एड्स और कोविड-19 के टीकों के विकास में इस्तेमाल की जाने वाली अनोखी तकनीकों का इस्तेमाल कर इस एंटीबॉडी को संश्लेषित किया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बेंगलुरु के इवोल्यूशनरी वीनोमिक्स लैब (EVL) के शोधकर्ताओं ने इस परियोजना में अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम किया है।
यह पहली बार है जब सांप के काटने के इलाज के लिए एंटीबॉडी विकसित करने के लिए इस खास रणनीति का इस्तेमाल किया गया है। अभी तक सांप के काटने के इलाज में सांप के जहर को इंजेक्ट करके एंटीबॉडी तैयार करने वाली पारंपरिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। नई तकनीक के कई फायदे हैं। यह तेजी से काम करती है और इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है।
यह नया मारक न सिर्फ भारत में बल्कि एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे उन सभी देशों के लिए फायदेमंद होगा जहां कोबरा, किंग कोबरा, करैत और ब्लैक मamba जैसे जहरीले सांप पाए जाते हैं।