उत्तराखंड में रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार ने रेलवे स्टेशनों पर होने वाली अप्रिय घटनाओं से निपटने के लिए जीआरपी (Government Railway Police) के लिए एक मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की है।

यह पहल राज्य में होने वाले स्नान पर्वों, त्योहारों, मेलों और चारधाम यात्रा के दौरान भारी संख्या में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर की गई है।
बता दें कि राज्य में कुल 36 रेलवे स्टेशन हैं, जहाँ रोजाना औसतन 172 ट्रेनें चलती हैं और करीब 2 लाख यात्री सफर करते हैं।
जारी की गई SOP में भगदड़, आगजनी, रेल दुर्घटनाओं और आतंकी हमलों जैसी स्थितियों से निपटने के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं। इन दिशानिर्देशों में फर्स्ट रिस्पांस टीम का गठन, घटनास्थल पर तत्काल पहुंचना, कंट्रोल रूम स्थापित करना, अन्य विभागों जैसे RPF, रेलवे और जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, यात्रियों को सूचना देने के लिए पीए सिस्टम का इस्तेमाल करना, घायलों को प्राथमिक उपचार देना, गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल पहुंचाना, घटनास्थल की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करना, साक्ष्यों को सुरक्षित रखना और जीआरपी कर्मियों की भूमिकाओं का स्पष्ट उल्लेख शामिल है।
इसके अलावा, SOP में उल्लिखित दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर मॉकड्रिल आयोजित किए जाएंगे ताकि जीआरपी बल किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहे।