देहरादून, 14 जून 2024: उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के केन्द्रीय अध्यक्ष श्री पूरण सिंह कठैत ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने सरकार से मांग की कि उत्तराखंड में मूल निवास की कट-ऑफ डेट 1950 को संविधान प्रदत्त मान्यता दी जाए। इसके साथ ही, उक्रांद ने समान नागरिक कानून का विरोध करते हुए इसे “काला कानून” करार दिया, जिसमें प्रावधान है कि एक साल से राज्य में निवास कर रहे व्यक्ति या सरकारी योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को राज्य का स्थायी निवासी माना जाएगा। दल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस कानून को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

श्री कठैत ने आगामी नगर निकाय चुनावों में दल की सक्रियता की घोषणा करते हुए कहा कि उक्रांद पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा। दल ने इसके लिए व्यापक तैयारियां कर ली हैं और श्री जय प्रकाश उपाध्याय को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।
श्री कठैत ने जंगलों में आग लगने और बेतहाशा गर्मी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि चीड़ के पेड़ों की पत्तियां गर्मियों में गिरती हैं, जो आग लगने का मुख्य कारण बनती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने उत्तराखंड को चीड़ मुक्त कर बांज और बुरांश के पेड़ लगाने की मांग की, जो पानी के स्रोतों को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब राज्य के जंगल जल रहे थे, तब ये लोग सैर-सपाटे में व्यस्त थे। अल्मोड़ा में जंगल की आग से चार वनकर्मी जिंदा जल गए और अन्य चार की हालत गंभीर है। उक्रांद ने इस घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक वनकर्मियों के परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने तथा गंभीर रूप से घायल वनकर्मियों को 10 लाख रुपये देने की मांग की है।
उक्रांद ने यह भी स्पष्ट किया कि गैरसैंण में होने वाली मूल निवास-भू कानून संघर्ष समिति की रैली से दल का कोई संबंध नहीं है। कुछ पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से रैली में शामिल हो सकते हैं, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल न होने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। मूल निवास और भू कानून दल के अहम मुद्दे हैं और दल इन पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए संघर्षरत है।
इस अवसर पर मनोरथ प्रसाद ध्यानी, विजय बौडाई, सुनील कोटनाला, दीपक रावत, ब्रिज मोहन सजवाण, प्रताप कुंवर, बिजेंद्र रावत आदि उपस्थित थे।