देहरादून: दिल्ली के कोचिंग सेंटर हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य के कोचिंग सेंटरों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में सभी कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की जांच के लिए जिलावार कमेटियां गठित की गई हैं।
क्या है मामला?
दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद देशभर में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और राज्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की है।
क्या कार्रवाई हो रही है?
- जिलावार कमेटियां गठित: राज्य के सभी जिलों में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा मानकों की जांच के लिए जिलावार कमेटियां गठित की गई हैं। इन कमेटियों में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त, जिला अधिकारी, जिला अग्निशमन अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
- छह बिंदुओं पर जांच: कमेटियां कोचिंग सेंटरों के विधिवत पंजीकरण, सुरक्षा मानकों के अनुपालन, भवन निर्माण नियमों के पालन, फायर एग्जिट की व्यवस्था, प्रवेश और निकास की व्यवस्था और आपदा की स्थिति में निकासी के उपायों की जांच करेंगी।
- दो सप्ताह में रिपोर्ट: कमेटियों को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट आवास विभाग को सौंपनी होगी।
- कड़ी कार्रवाई: नियमों का पालन न करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आवास मंत्री का बयान
आवास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य के सभी कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेसमेंट में सुरक्षा उपाय और आपदा की स्थिति में निकासी जैसे अन्य आवश्यक कार्य न होने पर कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?
- छात्रों की सुरक्षा: कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।
- अन्य राज्यों से सबक: दिल्ली में हुई घटना से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने यह कदम उठाया है।
- भावी घटनाओं को रोकना: इस तरह की कार्रवाई से भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार ने कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाई है। राज्य में जिलावार कमेटियां गठित कर कोचिंग सेंटरों की जांच करवाई जा रही है। उम्मीद है कि इस कदम से राज्य के सभी कोचिंग सेंटर सुरक्षित होंगे और छात्रों की जान को खतरा नहीं होगा।