देहरादून: उत्तराखंड में आपदा का प्रकोप जारी है। केदारनाथ में चल रहे बड़े पैमाने के बचाव अभियान में अब तक 11,000 से अधिक फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। वहीं, टिहरी जिले में आई भीषण आपदा ने कई लोगों को बेघर कर दिया है।
उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम में पिछले एक सप्ताह में तीसरी बार भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने से गंगा, स्नान घाट और आरती स्थल जलमग्न हो गए हैं। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, उत्तराकाशी और टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अधिकारियों को स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।
कोई जनहानि नहीं, पशुओं को मुआवजा
मंत्री अग्रवाल ने जानकारी दी कि उत्तरकाशी जिले में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है, हालांकि कुछ पशुओं की हानि हुई है। प्रभावित पशु मालिकों को मुआवजा दिया जा चुका है। टिहरी जिले में आई आपदा के बाद भी प्रभावित लोगों को समय से मुआवजा दिया गया है और बेघर हुए परिवारों के लिए रहने और खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है। साथ ही, क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है।
मानसून के दौरान सतर्क रहें
मंत्री अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि मानसून के दौरान आपदा की स्थिति के लिए हमेशा सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि प्रशासन आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- केदारनाथ में बड़ा बचाव अभियान, हजारों तीर्थयात्री सुरक्षित
- टिहरी में आपदा से कई बेघर
- गंगोत्री में जलस्तर बढ़ने से तीसरी बार बाढ़
- उत्तरकाशी में कोई जनहानि नहीं, पशुओं को मुआवजा
- प्रभावित लोगों को मुआवजा और राहत सामग्री
- सड़कों की मरम्मत का कार्य जारी
- मानसून के दौरान सतर्क रहने की अपील