
लद्दाख : अभी उत्तराखंड कैप्टन दीपक सिंह की शहादत से नहीं उभर पाया था कि एक और दुखद खबर उत्तराखंड के लिए लेह लद्दाख से आ रही है, जहां उत्तराखंड के एक और लाल ने मां भारती की रक्षा में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है। जवान की पहचान हवलदार बसुदेव सिंह परोडा के रूप में हुई है। शहीद बासुदेव सारकोट गांव गैरसैंण जिला चमोली के निवासी थे। जवान के शहीद होने की सूचना प्राप्त होते ही परिवार में कोहराम मचा हुआ है, जवान के परिवार पर त्योहार के दिन दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है
शहीद बसुदेव का पार्थिव शरीर सोमवार यानी ठीक रक्षाबंधन के दिन उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट मोटूगाड में किया जाएगा।
शहीद बासुदेव भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। इन दिनों उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के लेह लद्दाख क्षेत्र में थी। जहां एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान हुए ब्लास्ट में शेल्टर की चपेट में आने से शहीद हो गए हैं। इस हादसे में उनके साथ भारतीय सेना के दो अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनकी शहादत की पुष्टि करते हुए उपजिला अधिकारी गैरसैंण संतोष पांडे ने बताया कि शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर लेकर लेफ्टिनेंट अवतार सिंह की सैन्य टीम सोमवार सुबह 8 बजे उनके पैतृक गांव सारकोट पहुंचेगी। आपको बता दें कि चार भाईयों बहनों में सबसे छोटे बसुदेव ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई जीआईसी मरोड़ा से की थी। उनके पिता सेना से रिटायर हवलदार हैं। वह बीते अप्रैल में ही छुट्टियों पर घर आए थे। तब उन्होंने दीपावली पर फिर से छुट्टियों पर घर आने की बात कही थी।