उत्तराखंड: बदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इस अवसर पर भव्य तैयारियां की थीं और मंदिर परिसर को खूबसूरती से सजाया गया था।
मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना: जन्माष्टमी के दिन भगवान बदरीविशाल के गर्भगृह में विशेष श्रृंगार किया गया और रात्रि 10:45 बजे से जन्मोत्सव मनाया गया। मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया गया।
अन्य मंदिरों में भी मनाया गया पर्व: न केवल बदरीनाथ धाम बल्कि श्री केदारनाथ धाम, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, श्री त्रियुगीनारायण मंदिर और श्री गोपाल जी मंदिर नंदप्रयाग में भी जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
भजन-कीर्तन का आयोजन: जन्माष्टमी से पहले मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। स्थानीय महिला मंगल दलों ने पारंपरिक परिधान में झूमेलो और चांचड़ी गाकर भगवान बदरीविशाल का भजन-कीर्तन किया।
बीकेटीसी अध्यक्ष का संदेश: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सभी तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी।
मंदिर समिति की तैयारियां: बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने जन्माष्टमी कार्यक्रम के लिए बदरीनाथ धाम पहुंचकर सभी तैयारियां पूरी कीं।
श्रद्धालुओं की भीड़: नीति घाटी के लौग गांव से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ धाम दर्शन के लिए पहुंचे।
अन्य कार्यक्रम: कल मंगलवार को श्री बदरीश पंडा पंचायत की ओर से बदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
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