देहरादून: उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लंबे समय से अनुपस्थित रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों को बर्खास्त कर दिया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद यह आदेश जारी किया गया है।
क्या था मामला:
ये असिस्टेंट प्रोफेसर लंबे समय से अपनी ड्यूटी पर अनुपस्थित थे। विभाग द्वारा इन्हें समय-समय पर चेतावनी पत्र जारी किए गए और पंद्रह दिन के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा गया। इसके बावजूद इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में विभागीय कार्रवाई के तहत इन्हें बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।
विभागीय मंत्री का बयान:
विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी है। जो लोग अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेते, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभाग ने पूरी पारदर्शिता के साथ कार्रवाई की है।
शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया:
शिक्षा जगत के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से अन्य शिक्षकों में अनुशासन बना रहेगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
आगे की राह:
यह मामला यह बताता है कि उत्तराखंड सरकार उच्च शिक्षा में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आशा है कि आने वाले समय में भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे जिससे राज्य के उच्च शिक्षा का स्तर और बेहतर हो सके।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड में लंबे समय से अनुपस्थित रहे चार असिस्टेंट प्रोफेसरों को बर्खास्त करना एक सकारात्मक कदम है। इससे उच्च शिक्षा में अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।