देहरादून, 27 सितंबर 2024: उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से 7वें राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान मोटे अनाज के महत्व पर प्रकाश डाला। ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यशाला में महिलाओं को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न विषयों पर जागरूक किया गया।
मोटे अनाज को मिली नई पहचान:
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोटे अनाज को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज अब उच्च वर्ग में भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने मोटे अनाज के पोषण संबंधी लाभों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज महिलाओं को विभिन्न प्रकार के पोषण और मजबूती प्रदान करते हैं।
विशेषज्ञों ने दिए व्याख्यान:
कार्यशाला में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने महिलाओं को जानकारी दी। इनमें शामिल थे:
- आहार विशेषज्ञ: एम्स ऋषिकेश की डॉ. अर्चना द्विवेदी ने सही आहार और एनीमिया जैसे विषयों पर प्रकाश डाला।
- मनोचिकित्सक: एम्स ऋषिकेश के डॉ. अनन्य दास ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की।
- योगाचार्य: डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने योग के स्वास्थ्य लाभ बताए।
- स्त्री रोग विशेषज्ञ: डॉ. वंदना राजपूत ने महिलाओं से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी दी।
- पुलिस अधिकारी: उप निरीक्षक चिंतामणि मैठाणी ने महिलाओं को साइबर अपराध और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया।
महिला सशक्तिकरण पर जोर:
कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण और पोषण पर भी जोर दिया गया। महिलाओं को बाल विकास परियोजना और महिला सशक्तिकरण विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला महिलाओं को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का एक सराहनीय प्रयास है। मोटे अनाज को बढ़ावा देकर आयोग ने पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।