देहरादून, 30 सितंबर, 2024: उत्तराखंड पुलिस और गृह मंत्रालय के I4C ने मिलकर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दक्षिण एशिया में सिम कार्ड भेजने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सिम कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। उत्तराखंड एसटीएफ ने इस कार्टेल के मास्टरमाइंड को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है।
क्या है पूरा मामला?
- हजारों सिम कार्ड एक्टिवेट: गिरफ्तार आरोपी ने 20 हजार से अधिक सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए थे। इन सिम कार्ड्स को थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार जैसे देशों और भारत के कई राज्यों में साइबर ठगों को बेचा जा रहा था।
- महिलाओं को बनाया शिकार: आरोपी ने हरिद्वार के मंगलौर क्षेत्र में घर-घर जाकर महिलाओं को फर्जी सरकारी स्कीम का झांसा देकर उनके आधार कार्ड और बायोमेट्रिक्स लेकर सिम कार्ड एक्टिवेट करवाए।
- व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप: ये सिम कार्ड चीन और कंबोडिया से संचालित व्हाट्सएप ओटीपी ग्रुप के माध्यम से साइबर ठगों को 3 से 50 रुपये प्रति ओटीपी के हिसाब से बेचे जाते थे।
- साइबर ठगी का जाल: इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल विदेशों में बैठे साइबर ठग व्हाट्सएप कॉलिंग और इंस्टाग्राम के जरिए लोगों को ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगने के लिए करते थे।
पुलिस ने क्या किया?
- शिकायत और जांच: देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में एक शिकायत दर्ज हुई थी जिसमें एक व्यक्ति ने ऑनलाइन ठगी का शिकार होने की बात बताई थी।
- तकनीकी जांच: पुलिस ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया।
- गिरफ्तारी: पुलिस ने हरिद्वार के मंगलौर से आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके पास से 1816 सिम कार्ड, चेकबुक, मोबाइल फोन और बायोमेट्रिक डिवाइस बरामद किए।
- I4C का सहयोग: गृह मंत्रालय के I4C ने उत्तराखंड पुलिस को तकनीकी मदद प्रदान की।
पुलिस का अपील
उत्तराखंड पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह के फर्जी निवेश ऑफर, ऑनलाइन जॉब ऑफर आदि में न फंसें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह मामला साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को दर्शाता है। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। इसलिए लोगों को सावधान रहने और किसी भी तरह के संदिग्ध लिंक या कॉल पर क्लिक न करने की जरूरत है।