देहरादून: किन्नर समुदाय की गद्दीनशीन और सामाजिक कार्यकर्ता मैडम रजनी रावत पर आरोप लगाने के मामले में नया मोड़ आया है। ट्रांसजेंडर सचिन उर्फ निशा चौहान द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुरक्षा याचिका दायर करने के बाद, किन्नर समाज ने इसे उनके समुदाय की परंपरा को बदनाम करने की साजिश करार दिया है।
मैडम रजनी रावत ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय, जो सर्जरी द्वारा बनते हैं, अक्सर किन्नर समाज की प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि सचिन उर्फ निशा चौहान और उसके साथियों ने किन्नर समाज के नाम पर अवैध वसूली की है, जिसका कई बार विरोध किया गया है।
मैडम रजनी रावत ने आरोप लगाया कि सचिन और उसके साथी कई बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने उच्च न्यायालय में उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए याचिका दायर कर दी।
रजनी रावत के अनुसार, किन्नर और ट्रांसजेंडर समुदाय दो अलग-अलग समाज हैं, और ट्रांसजेंडर अक्सर किन्नरों के कार्यक्षेत्र में दखलअंदाजी करते हैं। उन्होंने साफ किया कि किन्नर समाज का ट्रांसजेंडरों से कोई लेना-देना नहीं है।
मैडम रजनी रावत, जो पिछले 34 वर्षों से किन्नर समाज की गद्दीनशीन हैं, ने कहा कि उन्होंने हमेशा किन्नर समुदाय के हित में काम किया है। सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहीं रावत ने अपने NGO “दुआ” के माध्यम से हजारों बच्चों और लड़कियों की मदद की है।
किन्नर समाज का कहना है कि यह मामला समाज में उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश है और वे इस साजिश के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं।